Description:
1. दिलकेदौरेसेबचाव- पोदीना की पत्तियाँ छाया में सुखाकर बारीक चूर्ण बनाकर एक शीशी में रख लें।सुबह-शाम प्रत्येक भोजन के बाद दो चुटकी भर पोदीना के चूर्ण में एक चुटकी भर कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर खायें।ऊपर से एक घूंट पानी पी लें।ऐसा करते रहने से गैस व एसिडिटी बनना बंद होगा।हृदय भी फेल नहीं होगी क्योंकि काली मिर्च में खून को पतला बनाए रखने और थक्का बनने से रोकने का विशेष गुण है।
2. लगभग २० ग्राम मोम लीजिए और लगभग इतनी ही मात्रा में गेंदे की ताजी बारीक-बारीक कटी हरी पत्तियाँ।दोनो को एक बर्तन में लेकर धीमी आंच पर गर्म कीजिए, कुछ देर में मोम पिघलने लगेगी और साथ ही पत्तियों का रस भी मोम के साथ घुल मिल जाएगा..जब मोम पूरी तरह से पिघल जाए, हल्का हल्का खौलने लगे, बर्तन को नीचे उतार दीजिए और ठंडा होने दीजिए..मोम को सोने से पहले पैरों की बिवाईयों पर लगाईये, दिन में भी इस मोम को लगाकर मोजे पहन लें, पैरों की बिवाईयों या कटे फ़टे हिस्से दो दिन में ठीक होने लगेंगे.
3. दमा रोगी पानी में अजवाइन मिलाकर इसे उबालें और पानी से उठती भाप लें, यह घरेलू उपाय काफी फायदेमंद होता है।4-5 लौंग लें और 125 मिली पानी में 5 मिनट तक उबालें।इस मिश्रण को छानकर इस में एक चम्मच शुद्ध शहद मिलाएं और गरम-गरम पी लें।हर रोज दो से तीन बार यह काढ़ा बनाकर पीने से मरीज को निश्चित रूप से लाभ होता है।
4. शुगर अथवा मधुमेह के ऐसे रोगी जिनको नियमित दवाईयाँ खाने के बावजूद भी विशेष लाभ न ही हो रहा हो वे लोग अपने भोजन में तिल के तेल का प्रयोग करवायें।तिल का तेल मधुमेह की औषधियों की कार्मुकता को बढ़ाता है साथ ही साथ हाई ब्लड़प्रेशर को भी नियनत्रित करता है
5. आजकल की जिन्दगी बहुत ज्यादा भागदौड़ भरी और तनाव वाली हो गई है जिस कारण से अक्सर छोटी छोटी और कई महत्वपूर्ण बातें भूलने की समस्या होने लगती है।ऐसी स्थिति में चन्दन के तेल में जायफल को घिस लें और माथे एवं सिर में प्रतिदिन एक बार लेप करें।यह मेधा शक्ति को बढ़ाता है एवं मानसिक तनाव को कम करता है।
6. मेथी के दानों को ऑवले के रस के साथ खूब घोंट घोंट कर पीस लें और पेस्ट जैसा बना लें।इस पेस्ट को बालों की जडों में खूब फैलाकर लगायें।यह सफेद बालों को प्राकृतिक रूप से काला करने में सहायक है।
7. जिन लोगों को चेहरे पर बहुत ज्यादा तिल निकलने की समस्या हो तथा चेहरे की त्वचा विकृत सी हो गयी है वे लोग पाँच- छः ताजी कच्ची भिण्डी लें तथा नींबू रस की कुछ बूँदों के साथ मिक्सी में अथवा सिल-बट्टे पर पेस्ट बनाकर चेहरे पर नियमित दो बार लगवायें।
8. अदरक का एक छोटा टुकड़ा छीले बिना(छिलकेसहित) आग में गर्म करके छिलका उतार दें।इसे मुँह में रखकर आहिस्ता-आहिस्ता चबाते चूसते रहने से अन्दर जमा और रुका हुआ बलगम निकल जाता है और सर्दी-खाँसी ठीक हो जाती है।
9. जिन व्यक्तियों के गले में निरंतर खराश रहती है या नजला एलर्जी के कारण गले में तकलीफ
बनी रहती है, उन्हें सुबह-शाम दोनों वक्त चार-पांच मुनक्का बीजों को खूब चबा कर खा लें, लेकिन ऊपर से पानी ना पिएं।दस दिनों तक निरंतर ऐसा करें।
10.सर्दी के इस मौसम में अक्सर सीने में भारीपन और साँस लेने में कठिनाई महसूस होने की समस्या बहुत आम हो जाती है।ऐसा होने पर सरसों के तेल में कपूर मिला कर हल्का गर्म करें और सीने पर मालिश करें । किसी भी अच्छे बाम से बेहतर आराम मिलेगा।
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